आचार्य श्रीराम शर्मा >> सूक्ति-सुधा सूक्ति-सुधायुग निर्माण योजना
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प्रस्तुत है सूक्ति सुधा
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
अत्यधिक विशाल और समृद्ध संस्कृत वाङ्मय का दूसरा कोई प्रतिमान नहीं। जहाँ एक ओर इस वाङ्मय ने दर्शन, काव्य, नाटक, व्याकरण, अलंकार शास्त्र जैसे गुरु-गम्भीर विषयों के सम्पादन में अपनी विशिष्टता की छाप सारी दुनिया पर छोड़ी है, वहीं उसकी सूक्तियाँ अपनी सरलता, स्पष्टता एवं सुबोधता के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं। यही कारण है कि कोई भी वक्ता अपनी वक्तृता को प्रभावशाली बनाने के लिए इन सूक्तियों का प्रयोग करने के लिए सचे्ट रहता है।
इसी उद्देश्य से इस पुस्तिका में उन विषयों से सम्बद्ध सूक्तियाँ हिन्दी अर्थ के सहित संकलित की गई हैं, जिनका प्रतिपादन हमें प्रायः करना रहता है। विचार क्रान्ति का पहला माध्यम भाषण-सम्भाषण है, उस दृष्टि से अपनी वक्तृत्व क्षमता को प्रखर-प्रभावशाली बनाने के लिए इन सूक्तियों की अत्यधिक उपादेयता है।
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